July 27, 2024
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बच्चे हमारे देश के भविष्य और आने वाली पीढ़ी है जिन्हें OSTEOPOROSIS बीमारी के बारे में जागरूक होना अति आवश्यक है।डॉक्टर अमूल्य कुमार सिंह

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ऑस्टियोपोरोसिस डे “जागरूकता अभियान”
दिनांक 20 अक्टूबर 2022 को World OSTEOPOROSIS DAY पर “जागरूकता अभियान” NIFT Patna मे मनाया गया ।
जागरूकता अभियान Global Orthopaedic forum, Patna Menopause society, Bihar orthopaedic association एवं Lions club Patliputra Aastha द्वारा आयोजन किया गया। जिसमें डॉक्टरों द्वारा बीमारी के बारे में छात्रों को जागरूक किया गया। इस आयोजन का एक ही लक्ष्य था कि OSTEOPOROSIS से मुक्ति Freedom from OSTEOPOROSIS जो कि इस बीमारी से अवेयर रहकर किया जा सकता है।


Dr. Amulya Kumar Singh, Secretary of Global orthopaedic forum ने सभी डॉक्टरों और आयोजन में शामिल होने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि बच्चे हमारे देश के भविष्य और आने वाली पीढ़ी है जिन्हें इस बीमारी के बारे में जागरूक होना अति आवश्यक है। हड्डी के द्रव्यमान (बोन मास) में आई कमी जब हड्डियों के सामान्य ढांचे से हस्तक्षेप करने लगती है तो इस स्थिति को ऑस्टियोपोरोसिस के रूप में पहचानते हैं। ऐसे में हड्डियां नाज़ुक और कमजोर हो जाती हैं, और थोड़े से भी खिंचाव या भार से फ्रैक्चर होने की संभावना बनी रहती है। ऑस्टियोपोरोसिस में मानव शरीर कूल्हे के फ़्रैक्चर अंग सबसे अधिक प्रभावित होता है, कूल्हे के फ़्रैक्चर, ऑस्टियोपोरोसिस के सबसे गंभीर परिणामों के लिए जिम्मेदार हैं। स्वस्थ रहना आपकी जीवन शैली का हिस्सा होना चाहिए।

Dr. Nibha Mohan, Secretary of Patna Menopause society ने कहा महिलाओं में मासिक बंद होने के बाद पुरुषों की तुलना में हड्डी ज्यादा कमजोर हो जाती है। इसलिए महिलाओं को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। सामान्य तौर पर, अस्थि बचपन और किशोरावस्था के दौरान सबसे तेजी से बनता है, और 30 की उम्र के बीच में अपने चरम पर पहुंच जाता है।

उसके बाद, युवा वयस्कता के दौरान अस्थि द्रव्यमान सबसे अच्छा बना रहता है। लगभग 40 वर्ष की आयु से, अस्थि द्रव्यमान का नुकसान दिखने लगता है, एस्ट्रोजेन कम होने के कारण 40 के करीब पहुंचने वाली महिलाओं में नुकसान अधिक तेजी से होता है। जब अस्थि द्रव्यमान का नुकसान अधिक तेजी से होता है, तो ऑस्टियोपोरोसिस और हड्डी फ्रैक्चर होने की संभावना बहुत पहले हो जाएगी।

Dr. Mahesh Prasad, Secretary of Bihar orthopaedic association ने कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस होने का पता चलने वाले व्यक्तियों को फ्रैक्चर को रोकने के लिए उचित सावधानी बरतनी चाहिएअलग-अलग स्थितियों के आधार पर, डॉक्टर कैल्शियम सप्लीमेंट, एस्ट्रोजन रिप्लेसमेंट, विटामिन डी, बिसफ़ॉस्फ़ोनेट्स या कैल्सिटोनिन जैसी दवाएं लिया जा सकता हैं। यदि आप दुग्ध उत्पादों का सेवन नहीं करते हैं, तो आप दिन भर कैल्शियम की अधिकता वाले खाद्य पदार्थ जैसे सोयाबीन उत्पाद, हड्डियों सहित समुद्री भोजन या मछली खाना, हरे रंग की सब्जियों, और मेवे को शामिल कर सकते हैं, ताकि आपके शरीर को उतना कैल्शियम मिल सके जितनी आवश्यकता है।


Dr. Nishikant Kumar, ने कहा हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए कैल्शियम और विटामिन डी दो आवश्यक पोषक तत्व हैं। एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखने में अस्थि घनत्व के ज्यादा नुकसान को कम करने और ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित व्यक्तियों में भविष्य में फ्रैक्चर को रोकने में मदद मिलती है।मजबूत हड्डियों के निर्माण के लिए, हमें स्वस्थ जीवन शैली को अपनाने की आवश्यकता है पर्याप्त कैल्शियम और विटामिन डी युक्त संतुलित आहार लें सूर्य के प्रकाश के संपर्क में रहने से हमारे शरीर को विटामिन डी का उत्पादन करने में मदद मिलती है, जो कैल्शियम के अवशोषण के लिए आवश्यक है नियमित रूप से व्यायाम करें । आपके शरीर के वजन को उठाने के लिए आपकी शरीर का सही वजन बनाए रखें।धूम्रपान से परहेज करें।अत्यधिक कैफीन युक्त पेय से बचें, उदाहरण के लिए कॉफ़ी और चाय।


Dr. Ramit Gunjan ने कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस आमतौर पर अपने आप में कोई लक्षण नहीं पैदा करती है। यदि ऑस्टियोपोरोसिस से संबंधित फ्रैक्चर होता है, तो फ्रैक्चर की जगह पर स्थानीयकृत दर्द हो सकता है।अपेक्षाकृत छोटी चोट या गिरने के बाद भी ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर हो सकता है।ऑस्टियोपोरोटिक फ्रैक्चर की सामान्य जगहों में जांघ की हड्डी (कूल्हे के जोड़ के पास), रीढ़ (कशेरुक) और अग्र बाहु (कलाई के पास) शामिल हैं।रीढ़ में किसी भी आघात के बिना फ्रैक्चर हो सकता है। कशेरुकी फ्रैक्चर से पीठ में कुबड़ हो सकता है ।


Dr. Usha Didwania, Patron, Patna Menopause society ने कहा हड्डियों का कमजोर होना ऑस्टियोपोरोसिस )Osteoporosis) कहलाता है। इस स्थिति में बोन मास डेंसिटी )BMD) कम हो जाती है, जिससे हड्डियों के फ्रैक्चर होने का खतरा बढ़ जाता है। बीएमडी लॉस के पहले लेवल को ‘ऑस्टियोपेनिया’ ( osteopenia ) के रूप में जाना जाता है। यदि समय पर इसका निदान करके इलाज ना शुरू किया जाए, तो ऑस्टियोपोरोसिस होने का खतरा बढ़ जाता है। वैसे तो ऑस्टियोपोरोसिस 50 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में अधिक होता है, लेकिन अब यह पुरुषों के साथ ही कम उम्र के लोगों को भी होने लगा है।

Dr. Neelam, Senior gynecologist ने कहा पिछले एक दशक में जिन बीमारियों के मामले सबसे ज्यादा बढ़ते हुए देखे गए हैं, डायबिटीज उनमें से एक है। डायबिटीज एक क्रोनिक बीमारी है, जिसमें रक्त में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार दुनियाभर में लगभग 422 मिलियन लोग इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के शिकार है, हर साल इसके रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है। चिंताजनक बात यह भी है कि जिन लोगों डायबिटीज की समस्या होती है उनमें कई अन्य प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं का जोखिम भी बढ़ जाता है।


Dr. Niharika Singh ने कहा कि सेहतमंद रहने के लिए संतुलित और नियमित आहार जरूरी है। अगर इसमें कोताही बरतते हैं, तो कई प्रकार की बीमारियां जन्म लेती हैं। फैटी फिश का सेवन करें डेयरी प्रोड्क्ट जरूर जोड़ें ड्राई फ्रूट्स खाएं सोयाबीन खाएं अतिक्षुधा से पीड़ित मरीज़ों में भी ऑस्टियोपोरोसिस विकसित हो सकता है। अन्यथा पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम वाले लोगों को भी, कैलशियम तथा/या विटामिन D को अवशोषित करने में अक्षमता के कारण भी ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है। अन्य सूक्ष्म-पोषक तत्व, यथा विटामिन K या विटामिन B12 की कमी भी इसमें योगदान दे सकते हैं।

Dr. Abhishek Kumar ने कहा कि पूरे दुनिया के परिपेक्ष की बात करें तो हार्ट रोग, मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है. हार्ट रोग के कारण जान का नुकसान हो सकता है डायबिटीज से ग्रसित लोगों का हार्ट रोग का रिस्क अधिक होता है क्योंकि अधिक ब्लड ग्लूकोज लेवल के कारण निम्न रिस्क बढ़ जाते है. बदलती जीवनशैली, खराब खान-पान की आदतें, अनुवांशिकता के साथ ही एक्सरसाइज में कमी ऑस्टियोपोरोसिस होने के मुख्य कारक हैं।  ऑस्टियोपोरोसिस से हड्डियों में फ्रैक्चर होने पर उसे ठीक करने में काफी समय लगता है। ऑस्टियोपोरोसिस को स्वाभाविक रूप से रोकने के लिए प्रतिदिन एक्सरसाइज करें, कैल्शियम का सेवन अधिक करें, विटामिन डी के लिए धूप सेकें।विटामिन की कमी ना होने दें, मोटापा कम करें, एवं रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं।

Dr. Karunesh Kumar ने कहा कि ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) हड्डी का एक रोग है जिससे फ़्रैक्चर का ख़तरा बढ़ जाता है। आजकल बच्चे वीडियो गेम और फोन देखना ज्यादा पसंद करते हैं। हमें उन्हें Out Door game के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए क्योंकि सूर्य से विटामिन डी मुफ्त में प्राप्त होती है और बच्चों के हड्डी को मजबूत बनाती है ।
कार्यक्रम में NIFT students and faculties. कार्यक्रम में शामिल थे.140 स्टूडेंट्स और स्टाफ की हड्डियों की जाँच हुई जिसमे 50 लोगों की हड्डिया कमजोर पायी गई!!

Dr Amulya Kumar Singh
Hon Secretary
Global Orthopedic Forum

अकबर ईमाम एडिटर ईन चीफ

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