बार-बार पेशाब महसूस होना,यूरिन और स्टूल में समस्याओं का निवारण अब बिना ऑपरेशन के काम खर्चों में
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जीवनशैली में बदलाव के साथ ही लोग शरीर के दर्द से परेशान हैं। मांसपेशी, जोड़, हड्डी या नसों में दर्द है तो आधुनिक मशीनों के साथ एक्सरसाइज आपकी तकलीफ दूर हो जाएगी। अगर दवा, इंजेक्शन और ऑपरेशन के बिना दर्द से राहत के लिए फिजियोथेरेपी का सहारा लेना होगा।

जरूरत से ज्यादा दर्द निवारक दवाइसों का सेवन करने से किडनी और शरीर के दूसरे अंगों पर इसका असर पड़ता है। मरीज तभी फिजियोथेरेपिस्ट के पास जाते हैं, जब दर्द असहनीय हो जाता है। फिजियोथेरेपी कमजोर पड़ते मसल्स और नसों को मजबूत करता है। यही वजह है कि अब इसकी जरूरत कॉडिर्यो रिलेटेड बीमारी से लेकर गर्भवती तक को महसूस हो रही है।

दो दिवसीय “पेल्विक फ्लोर रिहैब” वर्कशॉप की समापन
पेल्विक फ्लोर हैंड्स ऑन वर्कशॉप कार्यशाला का आयोजन एंड्यूरिंग रिहैब क्लिनिक के संस्थापक डॉ.सूर्यशंकर कुमार, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट द्वारा 13 और 14 जुलाई को पटना के होटल सिद्ध वेदांता में आयोजित किया गया। जिसमे अंतरराष्ट्रीय विशिस्ट संशाधन व्यक्ति डॉ. सुनीता पटेल, फ़िज़ियोथेरेपिस्ट द्वारा महिला फ़िज़ियोथेरेपिस्ट को कई विषयो पर प्रशिक्षण दी, बिना ऑपरेशन कम खर्च में फिजियोथेरेपी के द्वारा महिलाओं में होने वाली तरह-तरह की समस्यएँ को पेल्विक रिहैब थेरेपी के द्वारा ठीक किया जा सकती।यूरेनरी प्रॉब्लम बहुत तेज रफ्तार से बढ़ता जा रहा है।

टीचर्स हो या पेरेंट्स सेक्स एडुकेशन पे किसी ने खुल कर बातें नहीं करते,संतान नहीं होने से दाम्पत्य संबंद्ध तक खोना पड़ता है।आज ऑपरेशन के बाद की समस्यएँ, पेल्विक ऑर्गन्स और पेल्विक फ्लोर मसल्स की शारीरिक रचना,फिजियोलॉजी,कार्य और शिथिलता, श्वास और पीएफएम के बारे में जागरूकता आदि बताये गए। यूआई, पीओपी, बवासीर, योनि शिथिलता,पेल्विक दर्द, महिला यौन दर्द और वैजिनिस्मस, डिस्पेर्यूनिया, कम संवेदना और कई अन्य स्थितियों की विस्तृत समझ और अन्य कई चीजों के बारे में खुल कर बताया गया।

इसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सुषमा पांडे (पूर्व विभाग अध्यक्ष पी.एम.सी.एच, स्त्री रोग),डॉ. अभय जैसवाल (अकैडमिक इंचार्ज बी. सी.पी.ओ.),डॉ. प्रभात रंजन(एम्स दिल्ली),डॉ. रीना श्रीवास्तव(एम्स,पटना),डॉ.सुजीत,डॉ. अविनाश भारती(ई.जी.ई.एम.स),डॉ. जोसनी पांडेय,डॉ. राजेश सुमन,डॉ.हेमंडू सिंह,डॉ. प्रणव आदि मौजूद थे।