बिहार कला मंच द्वारा आयोजित बिहार ललित कला अकादमी पटना में बड़ी संख्या में कला प्रेमी कला संग्राहक के साथ भिन्न-भिन्न विद्यालयों के बच्चे का लगा जमवाड़ा
1 min readआज दिनांक 10/0 1/ 2025 को बिहार कला मंच द्वारा आयोजित बिहार ललित कला अकादमी पटना में बड़ी संख्या में कला प्रेमी कला संग्राहक के साथ भिन्न-भिन्न विद्यालयों के बच्चे का जमवाड़ा लगा रहा। ज्ञातव्य है कि यह प्रदर्शनी विगत 7 जनवरी से बिहार ललित कला अकादमी के कलादिर्घा में चल रही है ।जिसको देखने के लिए हजारों की संख्या में कला प्रेमी और कला संग्राहक आ रहे हैं ।
आज इस प्रदर्शनी के विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉक्टर हिमांशु कुमार राय जी उपस्थित हुए। उनके साथ श्रीमती निशा लाज जो सारंग आर्ट गया कि निर्देशिका है खास तौर से इस प्रदर्शनी के अवलोकन के लिए पटना पहुंची।देश के चर्चित कला समीक्षक सुमन कुमार सिंह भी आज इस प्रदर्शनी को देखने के लिए और इसकी समीक्षा के लिए दिल्ली से पटना पधारे।
बिहार कला मंच की ओर से इन सभी उपरोक्त महानुभावों का पुष्प गुच्छ देकर स्वागत किया गया। डॉक्टर श्री हिमांशु राय ने प्रदर्शनी अवलोकनार्थ पधारे लोगों को संबोधित करते हुए कहा की बिहार की कला संस्कृति कभी पूरे विश्व में छाई हुई थी आज समय आ गया है कि हम उनकी पुनः प्रतिस्थापित करें और हमें इस बात की खुशी है कि विहार कला मंच जैसी कलाकारों की संस्था ,यहां के कलाकार एवं विद्वतजन भी इसमें अपनी आहुति दे रहे हैं।
श्रीमती निशा लाज ने इस प्रदर्शनी को अद्भुत बताया उन्होंने कहा की यह प्रदर्शनी भले ही पटना में लगी है लेकिन इसकी अनुगूंज पूरे बिहार के कोने-कोने तक फैली है यही कारण है कि मैं एक कला प्रेमी के नाते इस प्रदर्शनी को देखने गया से पटना पधारी।
जाने-माने कल समालोचक श्री सुमन कुमार सिंह ने बताया की राधा मोहन बाबू की जयंती के अवसर पर आयोजित यह प्रदर्शनी बिहार कला मंच द्वारा विगत कई वर्षों से आयोजित की जा रही है ।राधा मोहन बाबू के योगदान को भूलाया नहीं जा सकता है।
जब बिहार में कोई कला विद्यालय नहीं था,यहां के कलाकार अन्य राज्यों में जाकर कला की शिक्षा लेते थे वैसे समय में राधामोहन बाबू ने पटना में कला विद्यालय की स्थापना की।जो वर्तमान मैं कला महाविद्यालय के रूप में मौजूद है।उन दिनों देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेंद्र बाबू कला एवं शिल्प विद्यालय पटना के अध्यक्ष हुआ करते थे।चहुंमुखी शेर जो अभी भारत सरकार का एंबलम है वह पहले पटना कला विद्यालय का एंबलम हुआ करता था।
जिसे राष्ट्रपति बनने के उपरांत राजेंद्र बाबू ने राष्ट्र का एंबलम बना दिया।उपरोक्त आगत अतिथियों का स्वागत चित्रकार कला समालोचक मनोज कुमार ने किया।बीरेंद्र कुमार सिंह ने विहार कला मंच के क्रिया कलापों की विस्तृत जानकारी दी।मनोज कुमार साहनी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।कल प्रदर्शनी के अंतिम दिन प्रत्येक दिन चल रहे कला प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को भी पुरस्कृत किया जाएगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता पद्मश्री श्याम शर्मा ने किया।इस अवसर पर प्रसिद्ध छायाकार रूपक जी,चित्रकार अजीत कुमार एवं प्रभुकांत के साथ बड़ी संख्या में कलाप्रेमी उपस्थित थे।
अकबर ईमाम एडिटर इन चीफ