नहाय खाय (कद्दू-भात) के साथ आज से लोक आस्था, पवित्रता, सूर्य उपासना का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू हुआ
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नहाय खाय (कद्दू-भात) के साथ आज से लोक आस्था, पवित्रता, सूर्य उपासना का महापर्व छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान शुरू हुआ | आज से ही व्रतियों को पूरी पवित्रता का पालन करना होता है |


ऐसे में व्रती नए चूल्हे पर ही सभी भोजन तैयार करती हैं | व्रतियों द्वारा सुबह स्नान के बाद नए वस्त्र धारण कर विशेष रूप से चने की दाल, कद्दू की सब्जी, अरवा चावल, घी और सेंधा नमक से बने हुए प्रसाद बनाकर भगवान को अर्पण किया गया |


व्रतियों के भोजन ग्रहण करने के पश्चात ही घर के सदस्यों, रिश्तेदार, मित्र, संबंधियों ने प्रसाद ग्रहण किया | लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा, प्रकृति और मनुष्य के पारस्परिक संबंधों का प्रकटीकरण है |



अगर हम इस महापर्व के पीछे के नियोजित उद्देश्य को देखें तो स्पष्ट होता है कि यह तन – मन, वस्त्र, आवास, परिवेश सब को स्वच्छ और पवित्र रखने का हर संभव प्रयास | आज से चार दिन तक सूर्य देव और छठ मईया की उपासना की जाएगी | इस महापर्व की भव्यता खासतौर पर बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पड़ोसी देश नेपाल के साथ साथ विश्व के अन्य देशों में भी देखने को मिलेगी |



18 नवंबर को खरना पूजन होगा जिसके बाद छठ व्रती 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखेंगी, 19 नवंबर को सूर्यदेव को सायं कालीन अर्घ्य एवं 20 नवंबर को प्रात: कालीन अर्घ्य प्रदान किया जाएगा |
अकबर ईमाम एडिटर ईन चीफ